तुम कहते हो प्यार किया है,
मुझसे अखियों को चार किया है,
तुम लाख छिपा लो दिल को अपने,
हमने चोरी करना तय किया है।
तुम सोच समझकर करते बातें,
मैं नासमझी से डरता हुँ,
तुम एक चाँद का टुकडा हो,
जिसे मैं ताका करता हुँ।
खुद को कब तक मैं है बचाऊँ,
तुम नयनो से करती वार,
वहुत कयामत तुम ढाती हो,
जब करती सौलह श्रंगार।
तुमको एक सच हम बतलाते है,
तुमको अपना मान लिया है।
तुमसे हमने एक अहसास लिया है,
सच कहता हुँ तुमसे प्यार किया है।
दाऊ जी
मुझसे अखियों को चार किया है,
तुम लाख छिपा लो दिल को अपने,
हमने चोरी करना तय किया है।
तुम सोच समझकर करते बातें,
मैं नासमझी से डरता हुँ,
तुम एक चाँद का टुकडा हो,
जिसे मैं ताका करता हुँ।
खुद को कब तक मैं है बचाऊँ,
तुम नयनो से करती वार,
वहुत कयामत तुम ढाती हो,
जब करती सौलह श्रंगार।
तुमको एक सच हम बतलाते है,
तुमको अपना मान लिया है।
तुमसे हमने एक अहसास लिया है,
सच कहता हुँ तुमसे प्यार किया है।
दाऊ जी
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