कह सकी न जो बात हमसे
आज तुम कह दो जरा
क्या पता कल हो न हो
आज को आज सा जीलें जरा
सनसनाती ये हवाएं
मस्ती में बहती जा रही हैं
रोक लो कोई तो इनको
हाल पूंछना है जरा
है अगर आज भी जीवित कहीं
प्रेम हमारे बीच में
तुम बताओ मुझे
ढूंड लाऊं जरा
कह सकी न न जो बात हमसे
आज तुम कह दो जरा
क्या पता कल हो न हो
आज को आज सा जीलें जरा
जी. आर. दीक्षित
दाऊ जी
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