शनिवार, 26 अप्रैल 2014

मेरै स्वर्ग तो मेरा राष्ट्र है

मेरा स्वर्ग तो मेरा राष्ट्र बार बार के झमेलो से बचो सब यार, कोई बहाना न दो, तुम किसी को यार, लूली लगंडी,जोड-तोड की न बनने दो सरकार, किसी एक को पूर्ण वहुमत दो, एक की बनवाओ सरकार, या फिर रहन दो, मत चीखों चिल्लाओ, अभी बढी महगाईं, फिर होगा बंटाधार, अपनी अपनी के चक्कर में देश मिटेगा यार, देना वोट उसी को जो हो सच्चा उम्मीदवार, जात-धर्म को त्याग, दो योग्यता को प्यार, चुनो उसी को तुम जो हो सच्चा समझदार, हक दिलाये आपको, खूब कराये विकास कार्य, पहचान उसकी हो गुणो से, सरल सौम्य व्यवहार, ढो सके जो काधें पर, जिम्मेदारियों का भार, एकता के बन्धन में बाँधे, समाज बने परिवार, एक थाली में वैठ कर खायें, बंधुत्व का हो संचार, एक मत भी व्यर्थ न जाये, सच्चा ही देश चलाये, मताधिकार का करो प्रयोग, भारत माता करे पुकार, लोकतंत्र की जीत होऔर सामप्रदायिकता की हार, प्रधानमंत्री वही बने जो बने नैया खेवनहार, एक सेवक की भाँति कार्य करे, खत्म हो भ्रष्टाचार, कुछ हो ऐषा माहोल सब मनायें संग त्योहार, अपने पन का भाव बढें, बढे प्रेम व्यवहार, न रहे कोई कहीं भूंखा पेट न हो कोई बेरोजगार, जो बचाये संस्कृति सम्मान हमारा और संस्कार, उसी को विजयी बनाओ, देश कर रहा पुकार, फिर से देश पावन हो, समृद्धि का हो संसार, देव फिर आने को कहें, हम जाने को न हो तैयार, सबकी जुबाँ पर यह बात रहे, सबसे प्यारा मेरा भारत यार, क्या करुँगा स्वर्ग में जाकर, मेरा स्वर्ग तो मेरा राष्ट्र।। दाऊ जी

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