शनिवार, 31 मई 2014

मेरे संग

भावों
को व्यक्त
करती हूँ
अहसासों के
संग
लिख
देती हूँ
शव्दों में
दिलों के
रंग
कोई परेशानी
नही आती
मुझको
ऐशा
करने में
क्यूंकि
राष्ट्र भाषा
प्यारी हिंदी
और
आपका प्यार
दोनों ही
हर वक्त
मेरे संग

 डॉ.सोनल 

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