मेरी उलझनों को तुमने
देखो कितना है बढाया
प्यार की गाडी में प्रिय
ब्रेक क्यूँ लगाया
जा रहे थे रफ़्तार से
अब गति मंद हो गयी
खुशियों के बीच थे रहे
अब रंज ही हैं रह गए
देखो मैंने भर दिया था
चाहत से उसके टैंक को
जरुरत न पड़े कही भी
हमको सेटलमेंट की
फिर प्रिय तुमने क्यूँ
ब्रेक है लगाया
क्यूँ मेरे दिल की
उलझनों को बढाया
बुलेट फ्रूफ गाडी
एक झटके में टूट गयी
प्रिय ऐशी कौन सी बात थी
जो तुमने नफ़रत का बम चलाया
हमारे प्रेम की गाडी को
क्यूँ तुमने कबाड़ा बनाया
मेरी उलझनों को तुमने
देखो कितना है बढाया
प्यार की गाडी में प्रिय
ब्रेक क्यूँ लगाया
दाऊ जी
देखो कितना है बढाया
प्यार की गाडी में प्रिय
ब्रेक क्यूँ लगाया
जा रहे थे रफ़्तार से
अब गति मंद हो गयी
खुशियों के बीच थे रहे
अब रंज ही हैं रह गए
देखो मैंने भर दिया था
चाहत से उसके टैंक को
जरुरत न पड़े कही भी
हमको सेटलमेंट की
फिर प्रिय तुमने क्यूँ
ब्रेक है लगाया
क्यूँ मेरे दिल की
उलझनों को बढाया
बुलेट फ्रूफ गाडी
एक झटके में टूट गयी
प्रिय ऐशी कौन सी बात थी
जो तुमने नफ़रत का बम चलाया
हमारे प्रेम की गाडी को
क्यूँ तुमने कबाड़ा बनाया
मेरी उलझनों को तुमने
देखो कितना है बढाया
प्यार की गाडी में प्रिय
ब्रेक क्यूँ लगाया
दाऊ जी
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