सोमवार, 21 जुलाई 2014

बेरोजगारी के शिकार

ख्वाब सजाए
इन आँखो में
कामयाबी की
 भरें उङान
जाने कितने
 युवा नाकाम
  इतनी बढी तादात
 सारी पालिसी
 धरी रह गई
अनपढ अब
जो बने नवाब
शिक्षित बेरोजगारी
 के शिकार

गायत्री शर्मा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अंतर्द्वंद

मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...