रविवार, 20 जुलाई 2014

इस बार भी "एक नया अनुभव" !

ग्रामीण समाज नया परिवेश
गाँवो का वो  मनोहर  दृश्य

आज प्रत्यक्ष अनुभव से जाना
हमारे शहर और यहाँ के लोग

अंतर जमीन आसमान का है
लोग अजनबी हैं मेरे लिए

परंतु शहरों से काफी अच्छे
जो खूबियाँ है यहाँ के लोगो में

ग्रामीण सहयोग प्रेम और सौहार्द
  आज शहरों की चकाचौंध में दफन है

  समय के अभाव में रिश्तों में बढती दूरियाँ
 यही है हमारे शहरों की खूबियाँ

बढ रही हूँ मैं निरंतर
अंजाने ङगर पर चल

मीठी यादें स्मृति
पटल में संजोए
इस बार भी "एक नया अनुभव" !"गायत्री शर्मा"

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