शनिवार, 20 सितंबर 2014

हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का अधिकार ,


बदलते वक़्त की है पुकार 
हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का अधिकार ,

है राष्ट्र के सम्मान की बात 
सब करें हिंदी में बात 

सजग होईये ,आँखे खोलिए
बात हमारे है सम्मान की ,

हिंदी के अधिकार की
राष्ट्र के प्रति प्यार की

चलिए ,उठिए और शुरू कीजिए
हिंदी का उपयोग हर बार |


दाऊ जी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अंतर्द्वंद

मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...