शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

शिक्षा बचपन का आधार

जीना चाहती हूँ मैं
अपने बचपन के उन पलों को
जिसमें छिपी मासूमियत है
चिंता ना भविष्य की ना वर्तमान की
परंतु उम्र नहीं निर्णय ले पाने की
मैं भी पढना चाहूँगी
मुझसे मेरा हक मत छीनो
बेटी हूँ मैं कोई कठपूतली नहीं
शिक्षा एक अनमोल रत्न है
मैने सीखा बचपन से
आज यही हथियार बना है
जागरूकता अभियान चला है
 तभी समझ मैं पाई हूँ
लङका लङकी एक समान
 शिक्षा बचपन का आधार!

गायत्री शर्मा 

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