बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

सबला . विप्लव ने फिर समझाया -" नेहा, आखिर क्या हुआ है तुम्हें ? मान भी जाओ यार ! तुम तो बिल्कुल बचपना पर उतर आई हो ।" . नेहा ने झिड़क दिया-" क्या मान जाऊँ खाक ! तुम्हें तो जितना रंग दिखाना था , तुमने 'लिव इन रिलेशनशिप' के इस दौर में दिखा लिया ।तुम्हें सोचना चाहिए था कि जो लड़की मर्दवादी मानसिकता से मुठभेड़ के लिए अपने माई-बाप की दहलीज को ठोकर मार सकती है वह किसी मर्द के अहम् के तले अपना स्वाभिमान, अपनी पहचान, अपनी अस्मिता भला क्यों गँवा बैठेगी ! मन तो भर ही गया होगा मुझसे न ? कहीं तुम्हारी इस सारी मान-मनौव्वल की कोई व्यावहारिक वजह तो नहीं ? मेरा मतलब है , अभी हाल ही में आई0ए0एस0 में जो मेरा चयन हुआ , उसे शायद तुमने गम्भीरता से ले लिया हो ! ना ना ? ऐसा तो कुछ नहीं ?" . विप्लव हक्का-बक्का सा उसे देखे जा रहा था । . @ मुन्नू लाल बलरामपुर -271210 ( उत्तर प्रदेश )

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अंतर्द्वंद

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