सबला
.
विप्लव ने फिर समझाया -" नेहा,
आखिर क्या हुआ है तुम्हें ? मान
भी जाओ यार ! तुम तो बिल्कुल
बचपना पर उतर आई हो ।"
.
नेहा ने झिड़क दिया-" क्या मान जाऊँ
खाक ! तुम्हें तो जितना रंग
दिखाना था , तुमने 'लिव इन
रिलेशनशिप' के इस दौर में
दिखा लिया ।तुम्हें सोचना चाहिए
था कि जो लड़की मर्दवादी मानसिकता से
मुठभेड़ के लिए अपने माई-बाप
की दहलीज को ठोकर मार सकती है
वह किसी मर्द के अहम् के तले
अपना स्वाभिमान, अपनी पहचान,
अपनी अस्मिता भला क्यों गँवा बैठेगी !
मन तो भर ही गया होगा मुझसे न ?
कहीं तुम्हारी इस सारी मान-मनौव्वल
की कोई व्यावहारिक वजह तो नहीं ?
मेरा मतलब है , अभी हाल ही में
आई0ए0एस0 में जो मेरा चयन हुआ ,
उसे शायद तुमने गम्भीरता से ले
लिया हो ! ना ना ? ऐसा तो कुछ
नहीं ?"
.
विप्लव हक्का-बक्का सा उसे देखे
जा रहा था ।
.
@ मुन्नू लाल
बलरामपुर -271210
( उत्तर प्रदेश )
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बुधवार, 4 फ़रवरी 2015
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