रविवार, 1 फ़रवरी 2015

नारी शक्ति -: कल ही उनका नारी शक्ति पर भाषण सुना बड़ा भावुक और मन को हिलाने बाला था एक एक शब्द दिल को छू गये मगर जब उनके घर के दरवाजे पर वैठी रहने बाली बेसहारा सी माँ ,घर के विभिन्न पर्दों में कैद उनकी बीबी और सामाजिक ढकोसलों पर निर्भर होकर कक्षा चार तक स्कूल गई उनकी सत्रह वर्षीय बच्ची जिसकी इस वर्ष शादी है याद आई तो ुँह से अट्टाहस निकल पडा। सारा दर्द हवा हो गया उनके शब्द मजाक बन गये, चेहरे पर एक हसीन मुस्कान के साथ बस एक ही शब्द निकला -: नारी तुम फिर हारी

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अंतर्द्वंद

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