मेरी आँखों में हर वक्त कोई रिश्ता बेनाम सा तैरता है,
फिर भी जिन्दगी का सफर बदस्तूर गुजरता है,
मैं रोज सोचता नही,करने में यकीन रकथा हूँ,
फिर भी दिल अवारा गलियों में रात दिन भटकता है,
कोई हुस्न का नगमा,हजार दिलों की मेंहरवाँ,
हो भले ही न कोई,मगर दिल खोजता फिरता है।
दाऊ जी
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शनिवार, 21 फ़रवरी 2015
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