जिन्दा हैं अगर हम
तो साँस जरुरी है
तुम न हो पास
तो अहसास जरुरी हैं।
जब रात लंबी
वीरान से लगे
मेरी हमनाम की
मुझे याद जरुरी है
काटने हैं जिंदगी के रस्ते
फासले लंबे लगें
मंजिल के सफर में
तेरा साथ जरुरी है
बेशक महफ़िलों की रोक हूँ
मगर जिया तन्हा लगे
हाथों में किसी अपने
का हाथ जरुरी है
लिख रहा हूँ ग़ज़ल
इश्क आशिकी पे
मुकम्मल करने में
प्यार जरुरी है।।
जिन्दा हैं अगर हम
तो साँस जरुरी है
तुम न हो पास
तो अहसास जरुरी हैं।
तो साँस जरुरी है
तुम न हो पास
तो अहसास जरुरी हैं।
जब रात लंबी
वीरान से लगे
मेरी हमनाम की
मुझे याद जरुरी है
काटने हैं जिंदगी के रस्ते
फासले लंबे लगें
मंजिल के सफर में
तेरा साथ जरुरी है
बेशक महफ़िलों की रोक हूँ
मगर जिया तन्हा लगे
हाथों में किसी अपने
का हाथ जरुरी है
लिख रहा हूँ ग़ज़ल
इश्क आशिकी पे
मुकम्मल करने में
प्यार जरुरी है।।
जिन्दा हैं अगर हम
तो साँस जरुरी है
तुम न हो पास
तो अहसास जरुरी हैं।
जी.आर.दीक्षित
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