Love अंग्रेजी भाषा का वो प्यारा शब्द जिसे सुनते ही एक अजीब सी feeling आती है। जन्म से लेकर अंत तक हर इंसान किसी न किसी को love करता है। अब अगर इसकी हिंदी की जाये तो कई तरह से कह सकते है- प्रेम, प्यार, अनुराग............ ,। जब सोचता हूँ तो इन तीनो को अलग अलग explain करता हूँ। प्रेम बोले तो मानवता से प्यार, आपस में प्रेम माने जो भी विशुद्ध हो और शांत चित्त से हो वो प्रेम और अनुराग आसपास की चीजो से स्नेह का बन्धन, आसक्ति वो अनुराग और तीसरा मेरा फेवरेट टॉपिक प्यार माने जो केवल 2 के ही बीच में होकर तीसरे को बीच में घुसने न दे। लोग चाहे जो समझे पर शब्द भावना से बनता है और इन तीनो ही समानार्थक शब्दों पर मेरी यही फीलिंग आती है।
अब बात करते है प्यार की तो मेरा प्यार का मतलब सीधा उस मुद्दे है जो कॉलेज लाइफ में कैंटीन से शुरू होकर झाड़ियो से गुजरता हुआ हॉस्टल तक पहुँच जाता है। पहले प्यार केवल 2 ही लोगो के बीच होता था। कॉलेज शुरू होते ही मोहब्बत शुरू होती थी। 2 साल की ग्रेजुएशन में पहले साल ही प्यार करने को टारगेट सेट कर लिया जाता था और किसी बढ़िया सी handwriting लिखने वाले से नए तराशे शब्दों के साथ प्यार का इजहार with greetings होता था। कई कई महीनो तक लड़का ग्रीटिंग कार्ड बोले तो अपना हाफ लव लैटर अपनी शर्ट में छिपाए इधर उधर घूमता रहता था और इस valentine पर दिया जाना वाला letter अगले साल ही सही जगह तक पहुँच पता था। इसी की साथ कुछ दिनों में 2nd year के exam खत्म और फिर मोहब्बत की कहानी भी खत्म.......। कोई महान पुण्यात्मा ही होता था जिसे उसका 1st hand प्यार PG करता हुआ फिर मिल जाये, लेकिन अगर कभी ऐसा हो जाता तो लड़के की मेहनत सफल हो जाती थी। फिर अगर proposal accept हुआ तो मोहब्बत लम्बी चलती थी। तब आज की तरह हर तीसरी शाम ब्रेक अप नही होते थे। कई बार तो मोहब्बत इतनी लम्बी खिच जाती थी कि दोनों की शादी हो जाती थी और जो प्यार का मीटर 0 से 100 तक बढ़ा था, कुछ ही समय में वापस 100 से 0 की तरफ गिरने लगता था। इस बीच कई बार लड़के का पिता tensed भी हो जाता था कि लड़के को PG कराया और दहेज में मिला क्या -बाबाजी का ठुल्लु? माने लड़का शादी के बाद लड़की के अलावा दहेज में कुछ नही लाया मतलब PG करने तक का सारा पैसा बेकार।
तब जमाना भी काफी शरीफ था। मोहब्बत 2 ही लोगो के बीच पनाह पाती थी और अगर इसमें कोई तीसरा interefere करने की कोशिश करता तो उसे bollywood के डायरेक्टर्स द्वारा शक्ति कपूर का रोल देकर end में बुरी तरह पिटवाया जाता। लेकिन अब जमाना बदल चुका है। प्यारा साला टम्पू से दस चक्का बनता जा रहा है। तिपहिया टम्पू में तब भी 1990s की मूवीज की तरह प्यार में triangle बनता था लेकिन 2015 के लेटेस्ट ट्रेंड में तो प्यार दस चक्का बनता जा रहा है। कहाँ कितने angle बन रहे हैं, कुछ पता नही।
पहले प्यार भी बड़ी धीमी स्पीड से होता था। love letter देने में ही एक साल लग जाता था। फिर जब बोये बीज के पेड़ को काटने का time आता तब तक कॉलेज ओवर और मोहब्बत का गुड़ गोबर......। फिर जमाना बदला। मूवीज में गोविन्दा और अजय देवगन की entry हुई जो अपनी girl friend के साथ पुरे कॉलेज में घूमता है, नाचता गाता है और कई meritorious students को सोचने पर मजबूर कर देता है कि ये साला hero अगले साल से कही job भी करेगा या फिर fail होकर इसी कॉलेज में गाना गायेगा। But most of the things are changing. In short भारत बदल रहा है। अब जरूरी नही कि जिससे मोहब्बत हो वो आपके कॉलेज की ही हो या सेटिंग बनाने को आप girls' hostel के पास रूम लेके रहे। बाजार में कहि भी कोई दिख जाये सब अपनी ही gf है, बस इतना करना है कैसे भी उसका नाम पता कर लो। फिर क्या fb पर search और chat स्टार्ट......... (विशेष fb पर gf बनाने की विस्तृत जानकारी के लिए पिछली पोस्ट puupy love पढ़ें)
शुरू में fb अकेला था। तब तक भी ठीक था। मोहब्बत में एक ही angle बनता था। चूँकि दोनों एक दूसरे की id को कभी भी चेक क्र सकते थे तो मामला एक friend और एक boy फ्रेंड तक ही सिमित था, फिर whatsapp आया। अब मोहब्बत के तीन नही 4,5,6....... जितने सम्भव हों, angle बनने तय थे। लड़का लड़की की fb id चेक करके समझता था उसका पूरा कॉपीराइट उसी के पास है, लेकिन असल में अब उसके पास उतना ही अधिकार रह गया था जितना सुंयुक्त राष्ट्र में अब France और Britain के Veto का। उन्हें veto मिला जरूर है लेकिन कभी उसका इस्तेमाल अपनी मर्जी से नही कर सकते।
ऐसे ही लड़के का अपनी gf पर veto या copyright भी बेकार ही हो गया क्योंकि अब नया whatsapp जो आ गया है। प्रगतिशील विचारो वाली लड़कियां कहाँ old fashioned fb से मानने वाली ह और फिर कम से कम एक साथ 3 BF न रखे तो उन्हें मजा ही नही आता और फिर भी अगर कोई परेशान दुखी आत्मा चौथा भी वहाँ आश्रय पाना चाहे तो इनके विशाल हृदय उसे सहज स्वीकार करके तुरन्त अपने bf की कतार में स्थान दे देती हैं। ये तो इन मेट्रो वाली girls की दयालुता है जो इतने में ही मान जाती है, otherwise whatsapp तो एक साथ 10 को manage करवा दे और किसी को खबर भी न लगे।
खैर अब मुद्दे की बात करे तो इंडिया बदल रहा है। इश्क़ volatile हो गया है। गीता का स्पष्ट प्रभाव यहां दिख रहा है- 'कल जो तेरी थी, आज वो मेरी है और आगे किसी और की होगी' type दार्शनिक ज्ञान आज सभी लड़को लड़कियो में समाया है। खैर लड़को से गलती हो जाती है और इस उम्र में volatile होना कोई बुरा भी नही क्योकि युवावस्था में विचारो का उफान बहुत तेजी से आता है और अगले ही पल ये वापस change हो जाता है। तो volatile होना स्वाभाविक प्रवृत्ति है जिसके according लगातार volatile हो रहे है ये और उससे भी तेजी से वोलेटाइल हो रहा है इनका इश्क़ बोले तो Volatile इश्क़........
लड़के वोलेटाइल हों तो समझा जा सकता है लेकिन इनसे भी तेज volatile हो रही है India ki Politics......... पास के एक छोटे से राज्य के बड़े से आंदोलनकारी मुख्यमंत्री तो इस शब्द की नई परिभाषा ही देने में जुट गए हैं। वो कभी pm तक को लफंडर वाली भाषा में टारगेट करते हुए नजर आते हैं तो कभी उनके सामने समर्पण दिखाते हुए....... कभी ऐसा कुछ कह जाते है जो उन्हें खुद नही पता होता कि क्या कह दिया....... बच्चों की नोटबुक को हवा में दिखाते हुए केंद्रीय मंत्रियो के खिलाफ सबूत बताना और बाद में कोर्ट में लिखित माफीनामा देना। यहां तक भी ठीक था लेकिन volatility की पराकाष्ठा तो तब हो गयी जब PM को मनोरोगी और कायर करार दिया गया। बाद में अपने volatile nature के according अपने पिता समान बता दिया PM को। समझ नही आया ये PM पर आरोप था, confession था या वोलैटिलिटी की नई प्लानिंग की कोई strategy.....
खैर मुख्यमंत्री साहब को अब डिक्शनरी में अब Volatile का synonym घोषित कर देना चाहिए और प्रतियोगी परीक्षाओ में volatile का एक और synonym 'Lotus' दिया जाये जिसे निर्विवाद रूप से सत्य माना जाये।
हमारी तो ये आम मांग है जी.........
Volatile = lotus
अब बात करते है प्यार की तो मेरा प्यार का मतलब सीधा उस मुद्दे है जो कॉलेज लाइफ में कैंटीन से शुरू होकर झाड़ियो से गुजरता हुआ हॉस्टल तक पहुँच जाता है। पहले प्यार केवल 2 ही लोगो के बीच होता था। कॉलेज शुरू होते ही मोहब्बत शुरू होती थी। 2 साल की ग्रेजुएशन में पहले साल ही प्यार करने को टारगेट सेट कर लिया जाता था और किसी बढ़िया सी handwriting लिखने वाले से नए तराशे शब्दों के साथ प्यार का इजहार with greetings होता था। कई कई महीनो तक लड़का ग्रीटिंग कार्ड बोले तो अपना हाफ लव लैटर अपनी शर्ट में छिपाए इधर उधर घूमता रहता था और इस valentine पर दिया जाना वाला letter अगले साल ही सही जगह तक पहुँच पता था। इसी की साथ कुछ दिनों में 2nd year के exam खत्म और फिर मोहब्बत की कहानी भी खत्म.......। कोई महान पुण्यात्मा ही होता था जिसे उसका 1st hand प्यार PG करता हुआ फिर मिल जाये, लेकिन अगर कभी ऐसा हो जाता तो लड़के की मेहनत सफल हो जाती थी। फिर अगर proposal accept हुआ तो मोहब्बत लम्बी चलती थी। तब आज की तरह हर तीसरी शाम ब्रेक अप नही होते थे। कई बार तो मोहब्बत इतनी लम्बी खिच जाती थी कि दोनों की शादी हो जाती थी और जो प्यार का मीटर 0 से 100 तक बढ़ा था, कुछ ही समय में वापस 100 से 0 की तरफ गिरने लगता था। इस बीच कई बार लड़के का पिता tensed भी हो जाता था कि लड़के को PG कराया और दहेज में मिला क्या -बाबाजी का ठुल्लु? माने लड़का शादी के बाद लड़की के अलावा दहेज में कुछ नही लाया मतलब PG करने तक का सारा पैसा बेकार।
तब जमाना भी काफी शरीफ था। मोहब्बत 2 ही लोगो के बीच पनाह पाती थी और अगर इसमें कोई तीसरा interefere करने की कोशिश करता तो उसे bollywood के डायरेक्टर्स द्वारा शक्ति कपूर का रोल देकर end में बुरी तरह पिटवाया जाता। लेकिन अब जमाना बदल चुका है। प्यारा साला टम्पू से दस चक्का बनता जा रहा है। तिपहिया टम्पू में तब भी 1990s की मूवीज की तरह प्यार में triangle बनता था लेकिन 2015 के लेटेस्ट ट्रेंड में तो प्यार दस चक्का बनता जा रहा है। कहाँ कितने angle बन रहे हैं, कुछ पता नही।
पहले प्यार भी बड़ी धीमी स्पीड से होता था। love letter देने में ही एक साल लग जाता था। फिर जब बोये बीज के पेड़ को काटने का time आता तब तक कॉलेज ओवर और मोहब्बत का गुड़ गोबर......। फिर जमाना बदला। मूवीज में गोविन्दा और अजय देवगन की entry हुई जो अपनी girl friend के साथ पुरे कॉलेज में घूमता है, नाचता गाता है और कई meritorious students को सोचने पर मजबूर कर देता है कि ये साला hero अगले साल से कही job भी करेगा या फिर fail होकर इसी कॉलेज में गाना गायेगा। But most of the things are changing. In short भारत बदल रहा है। अब जरूरी नही कि जिससे मोहब्बत हो वो आपके कॉलेज की ही हो या सेटिंग बनाने को आप girls' hostel के पास रूम लेके रहे। बाजार में कहि भी कोई दिख जाये सब अपनी ही gf है, बस इतना करना है कैसे भी उसका नाम पता कर लो। फिर क्या fb पर search और chat स्टार्ट......... (विशेष fb पर gf बनाने की विस्तृत जानकारी के लिए पिछली पोस्ट puupy love पढ़ें)
शुरू में fb अकेला था। तब तक भी ठीक था। मोहब्बत में एक ही angle बनता था। चूँकि दोनों एक दूसरे की id को कभी भी चेक क्र सकते थे तो मामला एक friend और एक boy फ्रेंड तक ही सिमित था, फिर whatsapp आया। अब मोहब्बत के तीन नही 4,5,6....... जितने सम्भव हों, angle बनने तय थे। लड़का लड़की की fb id चेक करके समझता था उसका पूरा कॉपीराइट उसी के पास है, लेकिन असल में अब उसके पास उतना ही अधिकार रह गया था जितना सुंयुक्त राष्ट्र में अब France और Britain के Veto का। उन्हें veto मिला जरूर है लेकिन कभी उसका इस्तेमाल अपनी मर्जी से नही कर सकते।
ऐसे ही लड़के का अपनी gf पर veto या copyright भी बेकार ही हो गया क्योंकि अब नया whatsapp जो आ गया है। प्रगतिशील विचारो वाली लड़कियां कहाँ old fashioned fb से मानने वाली ह और फिर कम से कम एक साथ 3 BF न रखे तो उन्हें मजा ही नही आता और फिर भी अगर कोई परेशान दुखी आत्मा चौथा भी वहाँ आश्रय पाना चाहे तो इनके विशाल हृदय उसे सहज स्वीकार करके तुरन्त अपने bf की कतार में स्थान दे देती हैं। ये तो इन मेट्रो वाली girls की दयालुता है जो इतने में ही मान जाती है, otherwise whatsapp तो एक साथ 10 को manage करवा दे और किसी को खबर भी न लगे।
खैर अब मुद्दे की बात करे तो इंडिया बदल रहा है। इश्क़ volatile हो गया है। गीता का स्पष्ट प्रभाव यहां दिख रहा है- 'कल जो तेरी थी, आज वो मेरी है और आगे किसी और की होगी' type दार्शनिक ज्ञान आज सभी लड़को लड़कियो में समाया है। खैर लड़को से गलती हो जाती है और इस उम्र में volatile होना कोई बुरा भी नही क्योकि युवावस्था में विचारो का उफान बहुत तेजी से आता है और अगले ही पल ये वापस change हो जाता है। तो volatile होना स्वाभाविक प्रवृत्ति है जिसके according लगातार volatile हो रहे है ये और उससे भी तेजी से वोलेटाइल हो रहा है इनका इश्क़ बोले तो Volatile इश्क़........
लड़के वोलेटाइल हों तो समझा जा सकता है लेकिन इनसे भी तेज volatile हो रही है India ki Politics......... पास के एक छोटे से राज्य के बड़े से आंदोलनकारी मुख्यमंत्री तो इस शब्द की नई परिभाषा ही देने में जुट गए हैं। वो कभी pm तक को लफंडर वाली भाषा में टारगेट करते हुए नजर आते हैं तो कभी उनके सामने समर्पण दिखाते हुए....... कभी ऐसा कुछ कह जाते है जो उन्हें खुद नही पता होता कि क्या कह दिया....... बच्चों की नोटबुक को हवा में दिखाते हुए केंद्रीय मंत्रियो के खिलाफ सबूत बताना और बाद में कोर्ट में लिखित माफीनामा देना। यहां तक भी ठीक था लेकिन volatility की पराकाष्ठा तो तब हो गयी जब PM को मनोरोगी और कायर करार दिया गया। बाद में अपने volatile nature के according अपने पिता समान बता दिया PM को। समझ नही आया ये PM पर आरोप था, confession था या वोलैटिलिटी की नई प्लानिंग की कोई strategy.....
खैर मुख्यमंत्री साहब को अब डिक्शनरी में अब Volatile का synonym घोषित कर देना चाहिए और प्रतियोगी परीक्षाओ में volatile का एक और synonym 'Lotus' दिया जाये जिसे निर्विवाद रूप से सत्य माना जाये।
हमारी तो ये आम मांग है जी.........
Volatile = lotus