सुनो ! खत लिखना मत भूलना ...
चाहे कुछ बड़ा भले ना कर पाओ पर जाने से पहले एक खत जरुर लिख जाना ..फेसबूक. व्हॉट्सएप, टिन्डर, मेल, स्काईप और इलेक्ट्रनिक कागज से थोड़ी दूरी बना के डायरी का पन्ना फाड़ उसपे पेन चला कुछ खुरदुरे से शब्द के रूप में भाव उकेर जाना ...
उनको अपने जीवन्त होने का एहसास करा जाना जिनको कभी कुछ कह नहीं पाये, जिनकी फ़िक्र तुम्हे हर पल होती है जिनके रहने ना रहने का तुमपे बड़ा असर पड़ता है उनके नाम कुछ शब्दो की माला कागज़ में छोड़ जाना ...
सुनो तुम छोड़ जाना उस माँ के नाम अपने एक अधकच्चे प्यार के गुंढ़ बात ...
कह जाना खत में पिता को कि हाँ जितना तुम प्यार करते हुए छुपाते हो मुझसे उतना ही मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ / करती हूँ पापा ...
एक खत लिख माफ़ी माँग आना तुम अपने भाई बहनो से जिनसे अक्सर बचपन में रिमोट के वास्ते लड़ते थे और हौले से खत के एक हिस्से में पूछ लेना उनसे उनके टूटे दिल का हाल ...
एक खत कर जाना उस बचपन के दोस्त के नाम जिसे बड़ती जवानी की गलियों में कहीं खो आये तुम ...
एक खत घर के बाहर बरामदे में बैठी दादी-नानी के उन किस्से कहानियों के राजकुमार के नाम छोड़ आना जो कभी आने वाले थे सफ़ेद घोड़े में तुमसे मिलने ...
भूलना मत एक खत लिखना उस टूटे वादे के नाम उस अधूरे मुहब्वत के नाम उस पथराई निगाहो वाली लड़की के नाम, उस मायूस लड़के के नाम जो तुम्हारी मजबूरी समझ तुमसे अलग हुआ था कभी...
कुछ प्यार के खज़ाने छोड़ आना कागज़ में अपने सर चड़ जहाँन देखते उस दुलारे बेटे के नाम और उतार आना पन्ने पे दुनिया भर की सारी खुशियों ख्वाहिशों की असीम दौलत अपनी परियों से भी कोमल बिटिया के नाम...
जब इन सब खत को लिख जाओगे तो दिल कुछ अजीब सा हो जायेगा तब जिसके साथ बैठ अपना दिल हल्का करते हुए तुम आँसू बहाओगे तो हाँ आखिर खत उसे देना मत भूलना और उसे अपने दिल की बात पूरे दिल से लिख जाना...
बस लिख ही आना तुम इन सबके नाम एक-एक खत और पहुंचा आना सारे खतो को उन तमाम पते पर जो कभी वहाँ पहुंची ही नहीं क्योंकि जब वो इन लिखे शब्दों को छूयेंगे ना तब महसूस करेंगे तुम्हे और तुम्हारे अंतरआत्मा की मन:दशा को...
तब सिर्फ कागज़ का टुकड़ा और उस्पे लिखे कुछ अल्फाज़ ही नहीं मिलेंगे उन्हे...उन्हे मिलोगे अक्षरसह तुम भी..!!
nice
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