लगता है आपने कुछ ज्यादा करीबियत से उनको दीदार दे दिया
लो बाजार में एक इश्क का मरीज़ और आ गया ||
वहुत से हाल छिपाकर दिल में
खुद को कठोर बनाते हैं
ये पत्थर ही तो हो मेरे दोस्त
जो मजबूत होकर भी आसू बहते हैं ||
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मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...
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