अब
कलम
रुक
जाती है
दिल का
हाल
लिखते हुए,
न जाने
कैसे
उसमें
दर्द
समा
जाता है,
कहानी
हमारी
सुनती
हुये।।
डॉ. सोनल
कलम
रुक
जाती है
दिल का
हाल
लिखते हुए,
न जाने
कैसे
उसमें
दर्द
समा
जाता है,
कहानी
हमारी
सुनती
हुये।।
डॉ. सोनल
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मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...
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