मंगलवार, 7 अक्तूबर 2014

इद उल जुहा (बकरीद ) :शांति और भाईचारे का पैगाम

‪#‎हजरत_इब्राहिम‬ ने जब पुत्र को कुर्बां करना चाहा
उस तलवार की धार के नीचे जब बकरे का सिर पाया
शुक्र मनाया खुदा का जब बेटे को जिंदा पाया
इस रीति को हमने आज देखो बकरे की कुर्बानी से जोङा
इब्राहीम -सा कोई बन ना सकेगा जिसने पुत्र को कुर्बां करना चाहा
कुर्बानी का मतलब हम ना समझ सके
और खुदा को खुश करने के खातिर
बेजुबां जानवरों की कुर्बानी देते
हे खुदा के नेक बंदो कुरान पर तुम इमान लाओ
‪#‎इद_ए_कुर्बां‬ का अर्थ यही बलिदान की भावना से प्रेरित हों हम
गर अल्लाह की खुशी के खातिर जीवो को कुर्बां कर खुश होते हो
लाख बुराई करते तुम दोजख की आग से नही ङरते हो
अपने भीतर के शैतानों की कुर्बानी देना सीखो
गुनाह-ए-दोजख से बचने खातिर खुदा ने तुम्हे इंसान बनाया
कुरान में फरमाया गया तुम्हे हौज ए कौसा दिया गया है
तुम अपने अल्लाह खातिर नमाज पढो कुर्बानी दो
कुर्बानी का मतलब है अपने सबसे प्यारी चीज को खुदा के लिए कुर्बां करो
ना कि किसी बेजुबां जीवों को कुर्बा करना
गर ऐसा जो नहीं कर पाए वो सच्चा मुसलमान नहीं
दिल में छाए शैतानी फिदरत को दूर करो
इंसानियत की मिसाल बनो खुदा के बनाए जीवों पर रहम करो गुमराह न होना
बख्श दो उन जानवरो को जिसे मारने का हक सिर्फ खुदा का है
गैबी आवाज को सुनते रहना पाक नाम को याद रखना
नूरे इलाही का दिदार करो खुदा ए इश्क के झाङू से
दिल के हुजरे को साफ करो
पाक साफ हो जाओगे तो दोजख की आग से बच जाओगे
तब बेशुमार रहमत से भरपूर
उस खुदा के रूहानी आलम में जन्नत सा सुकूं आलम पाओगे
दोस्तों अगर आप सभी इस पोस्ट से सहमत हैं तो ज्यादा से ज्यादा इसे शेयर करें ताकि कुर्बानी का मतलब हमारे अन्य मित्र बंधु समझ सकें धन्यवाद:
इद मुबारक

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