ख्बावोँ का सफर हकीकत तक चला आया है
खुदा ने रहमतोँ को इस कदर बरसाया है ।
खुदा ने रहमतोँ को इस कदर बरसाया है ।
एक शुरुआत भर थी वाकया-ऐ-मुहब्बत
मुद्दतोँ बाद मुलाकातोँ का संमा आया है ।
मुद्दतोँ बाद मुलाकातोँ का संमा आया है ।
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मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...
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