शुक्रवार, 14 नवंबर 2014

क्यूंकि एक दिल यहाँ भी धडकता है

हर रोज बदलने लगे नकाब वो,
कोई मांगे उनसे ,कहे उनसे
हर बार क्यूँ हुआ बदलाव
कारन बताओ और जवाब दो ,

कितने दिलों पर पत्थर टूटे
कितने दिलों के अरमान टूटे
कितने हसीं सपने को तरसे हैं
लिख कर हमें हिसाब दो

बेशक मांगने का हक़ नही रखता ,
मैं आपका कोई नही लगता
मगर मेरा पूंछना तो बनता है ,
क्यूंकि एक दिल यहाँ भी धडकता है

मेरा भी नाम आशिकों में है
मेरी भी मंजिल,मुहोब्बत के रास्तों में है
कुछ तो हमारा लिहाज करो,
अब जल्दी से सच कहो और हिसाब दो ,

मैं उम्मीदारवार हूँ अध्यक्षी का ,
टूटे दिल बालों की सरताजी का ,
मुझे अपना काम करने दो
और ये इलेक्शन जीत जाने दो

आपसे हर किसी के
 दर्द का हिसाब  लिया जायेगा
हर टूटे दिल को वापस
जोड़ने का काम दिया जाएगा

फ़िक्र मत करो कुछ ज्यादा तुम
चुनाव बाद मेरे भी सुर बदल जायेंगे ,
आप पर लगा बेबफा का दाग हटा
हम हमको बफाई का ख़िताब दिलाएंगे

मेरी हालत को समझलो
जल्दी से अपनि गलती को मानलों  
अरे सच्ची नही झूठी बाली सही
बस माफ़ करो ,इतना बोल दो

दाऊ जी

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