मनवा
तेरी
शरण में//
दिलवा
तेरी
शरण में,//
सिर्फ
जान है
बाकीं
हममें//
साँस
तलक
बसी है
तुझमें//
डॉट सोनल
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रविवार, 1 मार्च 2015
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अंतर्द्वंद
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