हमने इश्क किया
रंगत बदल गयी
काले करूटे इस चेहरे पे
लालिमा आ गयी
शक्लो- शूरत में बदलाव
भले ही कुछ अजीब हो
मगर सच में बदली
जब से तुमसे चाहत हो गयी
यकीन नही है मेरे यारों को
क्या सच हमें चाहत हो गयी ?
अब मान भी जाओ हकीकत
थोड़ी सी ही सही पर ज्यादा
हो गयी
खैर मेरा छोडिये आप
अब अपनी हालत कहिये
ये वीको ,फेयर हेन्सम जैसी
क्रीमो का त्याग कर दीजिए
आइये इश्क कीजिये
और खुद को स्वत: ही
निखारिये
मैंने भी ऐशा ही किया
और मेरी त्वचा निखर गयी
यही उम्र है कारलो
बरना समझो ट्रेन छूट गयी
दाऊ जी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें