जा रहे हो दूर,बस याद आ जाना,
आखिरी मुलाकात है जरा सा मुस्कुरा देना।
समझूँगा कि जिंदा था,तेरे दिल में प्यार अब भी,
अपने लवों पे बस मेरा नाम ला देना।
भरे नफरत से ही सही,गालियों में याद कर लेना,
जी लूँगा इसी सहारे ,बस कोई ख्याब दे देना।
दिन गुजर जायेगें ,रात नही कटेगी
कभी स्वप्न में ही सही,पास आ जाना।
कभी भी जिंदगी के संमदर में,गमो में फस जाओ,
उन्हें मेरे टूटे हुए आशियाने का पता बता देना।
खाक छानी थी मंदिर मस्जिदों की तुम्हारी जिन्दगी के वास्ते,
रहम करके उन्ही से,मेरे लिए मौत माँग आना।
जा रहे हो दूर बस याद आ जाना,
आखिरी मुलाकात है,जरा सा मुस्कुरा देना।
जी आर दीक्षित
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