शुक्रवार, 13 नवंबर 2015

सिटियामर- डेंगातियाँ लव

= सिटियामार/डेग़ीटियां लव
एक सड़क के किनारे एक आजकल की स्टाइल बाला छोकरा पौदं न पर पेंट सरकाए हाँथ में सिगरेट और सर पे चश्मा लगाएं और बाल जॉन एवरहिम इस्टाइल बाले।हाथन में अपने चेहरे से बड़ो मोबाइल झाँपे कानन में द्राम साइज का हेडफोन और टी शर्ट जैसे जमीन को चुभे को बेताब
ज्योही कौनौ लोंडिया देखे लगे जीव लपलपांन। इटट्टे में एक नई नई व्यूतिपारलर से निकली बिलकुल कैटरीना बाली कॉपी आके जनाब से आँख मटकान लगी
हमहुँ समझ गए ये मैडम ससुरी जाईके चक्कर में फिरवे करती शायद
इत्ते में आवाज सुने वो कछु कह रहीं थी व कनखजूरा से
सुनो
हाँ
आई लव यु
क्या ??
आई।लव यु
पठ्ठा वही धड़ाम से गिर गया
छोकरिया ने दो तीन बार हिलाया।फिर ताम झाम समेटा और बोली
अरे ! सुनो मैं मज़ाक कर रही थी
इत्ती कहके वो तो पी टी उषा बन गयी
अब तो लड़का सचमुच का कराह उठा क्योंकि जो उसने इम्प्रेशन जमाने के चक्कर में गुलाटी खाई थी उसमे चार छह पथरा पीठ में चुभ गए थे।
हम भी पान सिंग तोमर बनके पास पहुंचे
जैसे तैसे उठाया तो वो जोर से धहाडे मारकर रोने लगा
अरे क्या हुआ भैया काहे अब चिल्लपों मचाये हो
अरे दददा हाम्रो मोबाइल पर्सवा नाही मिल रहो
हम समझ गए वो कैटरीना अपने रणवीर को चुना लगा कर ईके सामान को ओलम्पिक मैडल समझ पी टी उषा बनकर भाग ली
वो भी पौंदन पे हाथ मार के कराहते भये चुपचाप निकल लिए और हम अपनी गढ़िया में बैठ तुरताई खिसक लिए
तब से उरे बड़ो डर लगन लगो
जी आर दीक्षित

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