कौन कहानी लिखता है
कौन कहानी सुनता है
तेरा जीवन,मेरा जीवन
दो धागों से बुनता हैं।
मेरे पथ पर तेरा आना
मादक फूलों सा खिलना था
चन्दन वन की खुशबू का ज्यों
मन प्राणों में आ घुलना था ।
रग रग में इन मयखानों को
कौन उतारा करता है
नित्य रूप बदलते पुष्पों को
कौन सवांरा करता है ।
तेरे आँचल बाले मुख पर
चन्दा जैसी मुस्कानें थीं
सूरज के किरणों से झिलमिल
अरमानों की लय तानें थीं।
जग की सारी सुंदरता को
कौन निखारा करता है
इतनी सुन्दर ,सजीव कला
कौन बनाया करता है।
तेरी मेरी अमर कहानी
सुनने बाले यहाँ नही
इन गीतों की धुप धांव में
चलने बाला यहाँ नही
लिखने बाला लिख लिख क्यों
पन्ने फाड़ा करता है
ये भी सच है दिल के रिश्तों की
कद्र यंहा कौन करता है ।
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