सोमवार, 23 मई 2016

मैं नशा हूँ तेरी रग-रग में उतर जाऊंगा

न रूठ कर जाना यारा में बिखर जाऊँगा
दो लफ्ज मीठे बोल दे में संवर जाऊँगा
इक नजर तो देख फासले से ही सही
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

आह निकली पढ़कर खबर अखबारो की
खो गयी हे क्यों रौनक राहे गलियारों की
कर मुहब्बत हर गली रोशन कर जाऊँगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

में गजलकार हूँ खुश्क लबों से लगाना होगा
निगाहों के रास्ते मुझे दिल में बसाना होगा
खुश्क लबों को गहरा सुर्ख में कर जाऊँगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

मेंखाने का नशा मदहोश शब् भर के लिए
छोड़ दे दो बून्द बाकी सहर होने के लिए
कर ले मुहब्बत जन्नत तुझे में दिखाऊंगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

रंजिशें कितनी भी हंसी हो मात दे जाऊँगा
भूल कर देख तेरे ख़्वाबों में चला आऊंगा
न रूठ कर जाना यारा में बिखर जाऊँगा
दो लफ्ज मीठे बोल दे में संवर जाऊँगा
इक नजर तो देख फासले से ही सही
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

आह निकली पढ़कर खबर अखबारो की
खो गयी क्यों रौनक राहे गलियारों की
कर मुहब्बत हर गली रोशन कर जाऊँगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

में गजलकार हूँ खुश्क लबों से लगाना होगा
निगाहों के रास्ते मुझे दिल में बसाना होगा
खुश्क लबों को गहरा सुर्ख में कर जाऊँगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

मेंखाने का नशा मदहोश शब् भर के लिए
छोड़ दे दो बून्द बाकी सहर होने के लिए
कर ले मुहब्बत जन्नत तुझे में दिखाऊंगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा

रंजिशें तेरी मासूम उल्फ़त की हत्यारी हे
कफ़न सर पर रक्खा कब्र से मेरी यारी हे
भूल कर देख तेरे ख़्वाबों में चला आऊंगा
में नशा हूँ तेरे रग रग में उतर  जाऊँगा


अंतर्द्वंद

मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...