एक चाय -:
आपके सुबह जागने से शुरु होने बाली दिनचर्या से लेकर शाम कि थकावट तक ...आपकी कडकती सर्दी से लेकर गर्मी कि उमस तक .....चाहे वारिश का मौषम हो य तडफती आशिकी ....
एक आम माध्यम वर्गीय परिवार और एक आम सी मुहोब्बत कि ख़ास सी चाहत ....उनके अनमोल पल ... एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट का पहला इश्क ...एक लेखक की पहली पसंद ...एक गजलकार का सवैग ...एक गीतकार का गीत ... एक शायर का पहला शब्द .....तुम हो ...|
एक स्टूडेंट जो पढने कि चाह में नास्ता करने से चूक जाता है ..तब वो तुम्हें चाहता है ... देर रात तक जागकर एक्जाम कि तैयारी करता है ...तब भी तुम्हें वो याद करता है..... पहले इश्क में पहली डेट में भी तुम्हारा साथ चाहता है ........एग्जाम में पास होने कि ख़ुशी हो य बैक लग जाने का गम .....पहला जोइनिंग हो य पहला टेंशन सबको दूर करती हो ......तुम महान हो ,अद्भुत हो |
होस्टल कि घटिया चाय से शुरू होने बाली जिन्दगी के सफ़र से स्टेशन रोड कि एक बेहतरीन चाय के लिए 50₹ का पेट्रोल फूंकने का अलग ही स्वेग होता....और जो बातें और प्लानिंग होती वो तो कभी कभी बड़े बड़े कॉरपोरेट मीटिंग को बहुत पीछे छोड़ देतीं🤝
क्यूंकि वहां से निकलकर आप अपने आपको बदलनेकी ताकत भले ही न रखते हो लेकिन दुनियां बदलने कि ताकत जरुर रखते हो....
आपके सुबह जागने से शुरु होने बाली दिनचर्या से लेकर शाम कि थकावट तक ...आपकी कडकती सर्दी से लेकर गर्मी कि उमस तक .....चाहे वारिश का मौषम हो य तडफती आशिकी ....
एक आम माध्यम वर्गीय परिवार और एक आम सी मुहोब्बत कि ख़ास सी चाहत ....उनके अनमोल पल ... एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट का पहला इश्क ...एक लेखक की पहली पसंद ...एक गजलकार का सवैग ...एक गीतकार का गीत ... एक शायर का पहला शब्द .....तुम हो ...|
एक स्टूडेंट जो पढने कि चाह में नास्ता करने से चूक जाता है ..तब वो तुम्हें चाहता है ... देर रात तक जागकर एक्जाम कि तैयारी करता है ...तब भी तुम्हें वो याद करता है..... पहले इश्क में पहली डेट में भी तुम्हारा साथ चाहता है ........एग्जाम में पास होने कि ख़ुशी हो य बैक लग जाने का गम .....पहला जोइनिंग हो य पहला टेंशन सबको दूर करती हो ......तुम महान हो ,अद्भुत हो |
होस्टल कि घटिया चाय से शुरू होने बाली जिन्दगी के सफ़र से स्टेशन रोड कि एक बेहतरीन चाय के लिए 50₹ का पेट्रोल फूंकने का अलग ही स्वेग होता....और जो बातें और प्लानिंग होती वो तो कभी कभी बड़े बड़े कॉरपोरेट मीटिंग को बहुत पीछे छोड़ देतीं🤝
क्यूंकि वहां से निकलकर आप अपने आपको बदलनेकी ताकत भले ही न रखते हो लेकिन दुनियां बदलने कि ताकत जरुर रखते हो....