देखा तो फरिश्तों के भी आँसूं हुये रवां
कहने को दिल जला मगर रूह से उठा धुआं
होगी तुम्हारे पास दुनिया भर की डिगरियां
पर वो है डिग्री और मरे है जिसपे छोरियां
जो जख्मे वफा राहे मुहब्बत मे मिले है
उस से बडा जमाने मे नही कोई रहनुमां
होगी जिधर नज़ाकत उधर आयेगी बहार
बैठे रहे मगरुर लिये दौलत की तख्तियां
इस इश्को मुहब्बत की अजमत है बला की
सर अपना झुकाती है इसे देख बिजलियां
अपनी मजबूरियाँ पर दिल बताता किसे
रह गया ताकता जानिबे आसमां
तनहा सुकुते शाम के संग हुं और घर पे हुं
पर मेरा दिले नादान मुझे खोजे कहां कहां
कहने को दिल जला मगर रूह से उठा धुआं
होगी तुम्हारे पास दुनिया भर की डिगरियां
पर वो है डिग्री और मरे है जिसपे छोरियां
जो जख्मे वफा राहे मुहब्बत मे मिले है
उस से बडा जमाने मे नही कोई रहनुमां
होगी जिधर नज़ाकत उधर आयेगी बहार
बैठे रहे मगरुर लिये दौलत की तख्तियां
इस इश्को मुहब्बत की अजमत है बला की
सर अपना झुकाती है इसे देख बिजलियां
अपनी मजबूरियाँ पर दिल बताता किसे
रह गया ताकता जानिबे आसमां
तनहा सुकुते शाम के संग हुं और घर पे हुं
पर मेरा दिले नादान मुझे खोजे कहां कहां