गुरुवार, 29 नवंबर 2018

ये दिवाना दिल मेरा जानें कहां अब खो गया

याद आई आप की तार सब मिलने लगे
दूर दिल से जो रहे थे पास वे आने लगे

गम जुदाई का नहीं है ख्वाइशे मिलने की हैं
पा सकूं मैं प्यार तेरा हम सफर बनने की हैं

मेहरवानी और दुआएं रब से अब मिलने लगी
उर चमन की सारी कलियां फूल बन खिलने लगीं

आपके इकरार का इजहार जब से होगया
ये दिवाना दिल मेरा जानें कहां अब खो गया

डर जमाने का नहीं है अब मुझे कोई यहां
आ गया हूं दर पे छोड़ कर सारा जहां

खुशियां मनाएं आज हम प्यार का तोहफा मिला
उर सरोवर में कमल आज है सुन्दर खिला हुआ

अंतर्द्वंद

मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...