मरके भी तमन्नायें कभी बेजान नही होती
हो जाती है बेगानी पर अंजान नही होती
जन्नत कभी हासिल ए अरमान नही होती
हसरत की गली फिरभी सुनसान नही होती
दिल तोड़ने से पहले किसीका ये सोच लो
मुहब्बत ये बार बार मेहरबान नही होती
दिलका सुकून रहता है अपनेही दिलमे और
सब जानते बुझते हुये पहचान नही होती
जिसके बगेर जीना हो एक लम्हा भी मुश्किल
उसके बगेर जिन्दगी आसान नही होती
हो जाती है बेगानी पर अंजान नही होती
जन्नत कभी हासिल ए अरमान नही होती
हसरत की गली फिरभी सुनसान नही होती
दिल तोड़ने से पहले किसीका ये सोच लो
मुहब्बत ये बार बार मेहरबान नही होती
दिलका सुकून रहता है अपनेही दिलमे और
सब जानते बुझते हुये पहचान नही होती
जिसके बगेर जीना हो एक लम्हा भी मुश्किल
उसके बगेर जिन्दगी आसान नही होती