लम्हा लम्हा डूबा बवाल मे है
इक कली है चमन मे मुस्काई
ये वक्त वक्ते बे मिसाल मे है
दिलकी आवाज को सुना जाये
राय सबकी है पर सवाल मे है
दर्दे दिल सह न सके गर आशिक
समझो अब भी वो नौ निहाल मे है
हुबहू तुझ से ही मिलता जुलता
चांदसा चेहरा इक खयाल मे है
मर के भी तुझको भुल पाउंगा
इतना दम क्या मेरी मजाल मे है
दूर तक राह करेगा रोशन
नूर जो प्यार की मशाल मे है