शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

दिलकी आवाज को सुना जाये

जाने क्या आनेवाले साल मे है
लम्हा लम्हा डूबा बवाल मे है

इक कली है चमन मे मुस्काई
ये वक्त वक्ते बे मिसाल मे है

दिलकी आवाज को सुना जाये 
राय सबकी है पर सवाल मे है

दर्दे दिल सह न सके गर आशिक
समझो अब भी वो नौ निहाल मे है

हुबहू तुझ से ही मिलता जुलता
चांदसा चेहरा इक खयाल मे है

मर के भी तुझको भुल पाउंगा
इतना दम क्या मेरी मजाल मे है

दूर तक राह करेगा रोशन
नूर जो प्यार की मशाल मे है

अंतर्द्वंद

मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...