तीर जब दिलपे निगाहों के ये चल जाते है
सारे मंजर ही फज़ाओं के बदल जाते है
हज़ार सब्र के परदों मे छिपे हो लेकिन
आतिशे हुस्न से अरमान पिघल जाते है
मोड होते है जवानी के संभलने के लिये
और सभी लोग यंही आके फिसल जाते है
जब से देखा है उसे निंद कहां आती है
ख्वाब आते है और आते ही मचल जाते है
चांदनी डालती है अपना दुशाला उसपर
मौसमे गुल रंग चेहरे पे मल जाते है
चांद को देखा नही जबसे उसे देखा है
देख के जिसको चांद तारे ये जल जाते है
सारे मंजर ही फज़ाओं के बदल जाते है
हज़ार सब्र के परदों मे छिपे हो लेकिन
आतिशे हुस्न से अरमान पिघल जाते है
मोड होते है जवानी के संभलने के लिये
और सभी लोग यंही आके फिसल जाते है
जब से देखा है उसे निंद कहां आती है
ख्वाब आते है और आते ही मचल जाते है
चांदनी डालती है अपना दुशाला उसपर
मौसमे गुल रंग चेहरे पे मल जाते है
चांद को देखा नही जबसे उसे देखा है
देख के जिसको चांद तारे ये जल जाते है