शरारत है कयामत की निगाहे नाज मे तेरी
तु लेना चाहता है दिल मेरा या जिन्दगी मेरी
बुलबुला पानी का लगती है तेरे बिन खुशी मुझको
सुबह होती तो है रोशन मगर लगती है अन्धेरी
जंगल धुप का और नंगे पावों बंजारा दिल मेरा
पहुंचने मे किसी अंजाम तक बस हो गई देरी
तेरी बाबद जब सोचू तो ये दुनिया लगती है छोटी
तेरे अरमानों ने ना जाने कितनी जगहा है घेरी
रेत का दरिया रेत का झरना है सारा जमाना ये
तु है मैखाना तेरे चार सुं है दिले तिश्ना की हर फेरी
रहे हस्ती मे फरिशते की तरहा है हर तेरी तमन्ना
राहत है शबे गम मे कोई तो है तेरी जुल्फें घनेरी
तु लेना चाहता है दिल मेरा या जिन्दगी मेरी
बुलबुला पानी का लगती है तेरे बिन खुशी मुझको
सुबह होती तो है रोशन मगर लगती है अन्धेरी
जंगल धुप का और नंगे पावों बंजारा दिल मेरा
पहुंचने मे किसी अंजाम तक बस हो गई देरी
तेरी बाबद जब सोचू तो ये दुनिया लगती है छोटी
तेरे अरमानों ने ना जाने कितनी जगहा है घेरी
रेत का दरिया रेत का झरना है सारा जमाना ये
तु है मैखाना तेरे चार सुं है दिले तिश्ना की हर फेरी
रहे हस्ती मे फरिशते की तरहा है हर तेरी तमन्ना
राहत है शबे गम मे कोई तो है तेरी जुल्फें घनेरी