फुलोँ पे बिखरी शबनम सा है शबाब तेरा
गुलशितां भी देखता है सुबहा सुबहा ख्वाब तेरा
दुनिया की फिक्र क्या है यादे इलाही तक
सबकुछ तो भुला देता है ये रुप लाजवाब तेरा
हर दिलके दिवाने की होती है यही हसरत
दिखता रहे ये चेहरा हसीं बेनकाब तेरा
तेरे जमाल का फुसुं है युं तारी खयालों पर
हर खयाल सिर्फ करता है बस इन्तेखाब तेरा
हो जाए सफर मुकम्मल ये हिज्र का लेकिन
मरके भी रहे आंखों मे हुस्ने गुलाब तेरा
गुलशितां भी देखता है सुबहा सुबहा ख्वाब तेरा
दुनिया की फिक्र क्या है यादे इलाही तक
सबकुछ तो भुला देता है ये रुप लाजवाब तेरा
हर दिलके दिवाने की होती है यही हसरत
दिखता रहे ये चेहरा हसीं बेनकाब तेरा
तेरे जमाल का फुसुं है युं तारी खयालों पर
हर खयाल सिर्फ करता है बस इन्तेखाब तेरा
हो जाए सफर मुकम्मल ये हिज्र का लेकिन
मरके भी रहे आंखों मे हुस्ने गुलाब तेरा