मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

देख के तुझको मन युं डोले

इक मस्तीभरी पुरवाई जैसे
इक शोखी हवा हवाई जैसे

रंगत पे मतवाली चांदनी
झूम झूम के छाई जैसे

रुप सुरीला तेरा एइसे
हो बिस्मिल की शहनाई जैसे

बहकी बहकी कलम गालिबकी
साहिरकी कलम ललचाई जैसे

देख के तुझको मन युं डोले
मौसम ले अंगडाई जैसे

चांद मे रौनक फुल मे खुशबू
है तुझसे ही आई जैसे

रात की मस्ती मै की खुमारी
मांगे तुझ से दुहाई जैसे




ये दुःख साला... (राधे भैया to संदीप भैया)

  पुष्पा भैया पूछते हैं कि ये देश इतना दुख obsessed कबसे हो गया. तेरे नाम के 'राधे भैया' के फेलियर के बाद युवाओं का नया आदर्श सन्दीप...