मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019

रात भर रहती है एक ही ख्वाहिश दिलमे

दिलकी धडकन भी अब लगती है गुफ्तगू तेरी
मेरी सांसों मे सदा महके है खुशबू तेरी

चांद खुद इसकी गवाही था फलक पर उसदम 
जब सितारों ने मिलके की थी आरजू तेरी

आ कभी झांक आईने मे मेरे ख्वाबों के
तुझको दिखलाउं तमन्नायें हूबहू तेरी

जहनो दिल से लिपटता है तसव्वुर तेरा 
मेरे सिने से लिपटती है आहु आहु तेरी

सुबह से शाम तलक शाम से सुबहा तलक
निगाहे तिश्ना को रहती है जुस्तजू तेरी

रात भर रहती है एक ही ख्वाहिश दिलमे
अपनी आँखों पे रोज धूप मै मलू तेरी

न खुदा की न मसीहा की हुकूमत है यहां
मेरे दिल पे फकत चलती है तू तू तेरी

अंतर्द्वंद

मेरी सोची हुई हर एक सम्भावना झूटी हो गई, उस पल मन में कई सारी बातें आई। पहली बात, जो मेरे मन में आई, मैंने उसे जाने दिया। शायद उसी वक्त मु...