शनिवार, 2 मार्च 2019

सैनिक 🇮🇳 भाग 2

मेरी ✍ से

बाबुल को अपने यूनिट के साथ परसो जुड़ना था, और उसके पास सगाई के लिए एक दिन पूरी तरह सुरक्षित था। मगर हैरानी वाली बात ये थी कि बाबुल वक्त से पहले अपनी सगाई भी छोड़ कर देश सेवा के लिए निकल चुका था। इधर संजना के पापा ने सगाई कि तारीख पक्की करते ही बड़े हर्ष के साथ रात को ही अपने दूर दूर के सभी रिश्तेदारों को सगाई में आने का न्योता दे दिया था। संजना किसी से कुछ नहीं कहती मगर चिंता फिक्र से खामोश जरूर हो गयी थी, क्योंकि वह कभी नहीं चाहती थी कि उसकी अभी सगाई हो और खासकर उस फौजी के साथ, मगर पापा के फैसले के आगे वह खामोश रही और अपने तकदीर का फैसला वक्त और ईश्वर के हाथों छोड़ चुकी थी।
उधर बाबुल के माता पिता को भी दो दो चिंताये खाये जा रही थी ।
पहला बेटा सरहद में जा चुका था जहाँ कभी भी युद्ध हो सकता था, और बाबुल उनका एकलौता बेटा था। और दूसरी बाबुल कि सगाई कल थी और बेटा सगाई किये बिना जा चुका था।
अब वह संजना के पापा को कैसे समझायें कि अभी सगाई नहीं हो सकती थी।
बाबुल के पापा ने संजना के पापा के साथ पाँच साल साथ नौकरी में बिताये थे, और उन पाँच सालो में बाबुल के पापा बहुत हद तक संजना के पापा के स्वाभाव को जान चुके थे। दिलदारो के लिए खुशमिजाज और जो उन्हें धोखा दे वह उन्हे कभी माफ नहीं करते थे। बाबुल के पापा ने सोचा कि फोन पर बताने से अच्छा है कि उनके घर जाकर ही सारी बातें विस्तार से बता दी जाये  ये सोचकर पति पत्नी बाबुल के जाने के कुछ देर बाद संजना के घर संजना के घर वालो से मिलने आते हैं।
मगर उस वक्त संजना के पापा घर पर नहीं होते, वह तो अपने परिजनों और दोस्तो को सगाई का न्योता देने गये थे।
संजना और उसका भाई और मम्मी ही थी घर पे।
जब बाबुल के पापा संजना के मम्मी को सब किस्सा सुनाते हैं तो एक बार तो संजना कि मम्मी अंदर से कांप जाती हैं क्योंकि वह संजना के पापा के मिजाज को अच्छी तरह जानती थी।
संजना भी पास में ही थी, खबर मिलते ही संजना अंदर से बहुत खुश हो जाती है मगर बाहर वह जाहिर नहीं करती।
संजना के मम्मी का फोन आते ही संजना के पापा वापस आते हैं और आते ही बाबुल के मम्मी पापा पर बरस पड़ते हैं।
संजना के पापा कहते हैं, सारे परिजनों और अपने दोस्तों तक को हमने कल का न्योता दे दिया है, और तुम मुझे अभी खबर देते हो कि सगाई कि तारीख टाल दी जाये। खुशकिस्मत हो समाज कि नजर में तुम कि तुम्हारी कोई बेटी नहीं है। मुझे गर्व है कि मेरे पास एक बेटी है। हाँ माना कि देश कि सेवा पहले जरूरी है, मगर आपका लड़का सगाई के बाद भी जा सकता था मगर उसने सगाई छोड़ कर जो जाने का फैसला किया उससे लोगों के दिमाग में यही मैसेज जायेगा कि शायद लड़की में खोट या उसके घरवालों में खोट थी।
हमारे मुहल्ले के बड़े बड़े लोग मुझे हमेशा कहते हैं कि अपनी बेटी को Actress बनने दो क्योंकि तुम्हारे बेटी को ईश्वर ने अद्भुत सुंदरता से नवाजा है।
भले तुम्हारा बेटे कि कोई गलती नहीं है, हमारी तो गलती ही नहीं है फिर भी लोग हम बेटी वालो को ही गलत समझ बैठेंगे।
आपके पास ढेरों बहाने होंगे मगर हमारे पास सिर्फ दुख और बेबसी है। इसलिए अभी आप सब जाईये, हमें सोचने का मौका दीजिये कहकर बाबुल के माता पिता कि बाते सुने बिना उन्हे अपने घर से भेज देते हैं।
संजना के पापा किसी से कुछ नहीं कहते, घन्टे भर तक अपने कमरे में जाकर पता नहीं क्या सोचते रहते हैं फिर संजना को बुलाकर कहते कि जल्दी से अपने सभी सहेलियों को अभी घर बुलाओ,
संजना कुछ समझे बिना ही सहेलियों को अपने घर बुलाती है,
फिर संजना के पापा उनसे कहते है कि, तुम सब डरो नहीं मगर आज मुझे सच जरूर बताना,
संजना के सहेलियां भी हैरान थी कि संजना के पापा क्या पूछने वाले हैं।
संजना के पूछते है कि संजना कॉलेज में तुम लोगों के साथ ही रहती है, सच बताना क्या संजना किसी लड़के से प्यार करती है?
संजना कि सहेलियां सवाल सुनकर सकपका जाती है, जवाब दे नहीं पाती,
संजना के पापा आगे कहते है कि, तुम सब डरो नहीं जो सच है वह बताना, क्योंकि मै मेरी बेटी को खुश देखना चाहता हूँ और उसके पसंद के लड़के से उसकी शादी करना चाहता हूँ।
सहेलियां कुछ देर बाद डरती हुई कहती है कि, संजना किसी से प्यार नहीं करती, उसके कॉलेज के दोस्त हम ही हैं,
संजना के पापा- लड़का कोई दोस्त नहीं है?
सहेलियां- है एक लड़का अमीत वर्मा, बहुत अच्छा लड़का है और पढने में भी तेज और संजना का अच्छा दोस्त है।
संजना के पापा- सिर्फ दोस्त है या कुछ और है?
सहेलियां- असल में अमीत संजना को बहुत प्यार करता है,
मगर संजना नहीं करती, वह कहती है कि मै अपने पापा को शर्मिन्दा और उनके भरोसे को कभी ठेस नहीं पहुँचाउंगी,
फिर सहेलियां वह बात भी पूरी बता देते है जो अमीत ने संजना से कही थी की नौकरी लगते ही सबसे पहले हम तुम्हारे घर रिश्ता लेकर आयेंगे।
फिर संजना के पापा संजना के सहेलियों से फोन न0 लेकर अमीत को अपने घर बुलाते हैं।
संजना अपने कमरे में ये सोच सोचकर पागल हुए जा रही थी कि आखीर पापा ने मेरे सहेलीयों बुलाकर क्या पूछ रहे हैं।
अमीत डरते डरते आ जाता है, संजना अमीत को आते देख लेती है और इशारो में अमीत पूछता है कि क्या बात है मगर संजना डर के मारे कमरे में छुप जाती है।
संजना के पापा अमीत से सीधा सवाल करते है कि क्या तुम संजना से प्यार करते हो,
बहुत देर बाद अमीत हिम्मत जुटा कर कहता है कि हाँ बहुत प्यार करता हूँ।
संजना के पापा- ठीक है, आज शाम को अपने मम्मी पापा को अपने साथ लेते आना हमारे घर,
ये तुम्हारे लिए पहला मौका है, फिर उसके बाद तुम्हे कोई मौका नहीं मिलेगा मेरी बेटी से शादी करने का।
अमीत हैरान तो था मगर बहुत खुश था।
अमीत को उसके माँ बाप बहुत प्यार करते थे क्योंकि अमीत एक अच्छा आज्ञाकारी लड़का था।
अमीत तो चला जाता है और सहेलियां संजना से मिलकर सारी बाते बता देती हैं। संजना खुश भी थी और हैरान भी कि आखीर पापा ने इतनी जल्दी कैसे फैसला ले लिया।
सारी सहेलियां खुश होकर संजना को मुबारकबाद देकर चली जाती है। फिर संजना के पापा संजना
से मिलकर कहते है कि, मैंने तुम्हारे खुशी जाने बगैर तुम्हारा रिश्ता तय कर दिया मगर तुमने मेरी खुशी के लिए हा कर दी।
अब मैंने तुम्हारे पसंद के लड़के के साथ ही तुम्हारे शादी का फैसला कर लिया है
संजना कुछ समझ नही पा रही थी कि क्या सही है या क्या गलत,
फौजी के साथ सगाई टल गयी सोचकर खुश थी, मगर पापा ने अमीत को पकड़ लिया,
अमीत अच्छा लड़का है, शायद अच्छा हमसफ़र भी बन सकता है, मगर संजना को अभी सगाई करनी ही नहीं थी, वह पहले अपनी पढाई खत्म करना चाहती थी, मगर पापा जो कर रहे थे, अपने अपमान का बदला ले रहे थे और बली वह हो रही थी।
हाँ। शाम के वक्त अमीत अपने परिजनों को लेकर आ गया,
अमीत के परिवार भी हैरान तो थे मगर अपने बेटे के लिए संजना उन्हे पसंद थी।
फैसला हो गया कि कल ही सगाई होगी, शादी कॉलेज खत्म होने के बाद,। संजना कि सहेलियां भी आ जाती है,। अमीत और उसके परिजन खुशी खुशी वापस लौट गये, अमीत का तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
संजना कि सहेलियां रूक जाती है संजना के साथ कुछ देर के लिए। संजना के कमरे में आते ही सारी सहेलियां खुशी मनाने लगती है, एक कहती है कि किस्मत हो तो संजना जैसी, भले मोहब्बत नहीं कि मगर जो पसंद था वही मिल गया।
दूसरी कहती है, चल हम सबको अब तू पार्टी दे, सिर्फ तुमसे ही नहीं अमीत से भी लेंगे, आखीर तुम दोनों ही हमारी दोस्ती कि जान हो, मगर संजना सिर्फ मुस्कुरा देती है कहती कुछ नहीं।
फिर सहेलियां पूछती है, हमें क्यों लगता है कि तू खुश नहीं है बस मुस्कुराने का बहाना भर कर रही है,
संजना- ऐसा कुछ नहीं है, खुश हूँ मगर फैसला नहीं कर पा रही हूँ कि कैसे अपनी खुशी जाहिर करूँ, 24 घन्टे के अंदर मुझे दो लोगों के साथ रिश्ता जोड़ने के लिए मैं मजबूर हुई,
सहेलियां- अरे तुझे तो खुश होना चाहिए कि आखिर फौजी से पीछा तो छूटा जो तू चाहती थी,
और अमीत तूझे बिन मांगे ही मिल गया,। तू तो बहुत किस्मत वाली है,
वैसे ये तो बता कि फौजी के साथ तूने ऐसा क्या सलूक किया कि वह सगाई से पहले ही भाग गया?
संजना- वह फौजी दिखने में भी बिलकुल फौजी ही था, शायद वह मजाकिया भी बहुत था,।
मगर मैं इस बात से परेशान हूँ कि आखीर वह अचानक सगाई से पहले सरहद क्यों चला गया?
वह सगाई करके भी तो जा सकता था न?
अच्छा था कहूँगी नहीं क्योंकि हम पहली बार मिले थे,
बुरा तो कभी कहूंगी नहीं क्योंकि उसके बोलने का अंदाज ही कुछ ऐसा था कि दोबारा उसकी आवाज़ सुनने का दिल करेगा,
सहेलियां भी हैरान थी कि संजना फौजी कि तारीफ कैसे कर रही है। अगले दिन संजना और अमीत कि सगाई हो जाती है, सिर्फ गिने चुने मेहमान आये थे।
सगाई के बाद संजना के पापा बाबुल के पापा को फोन करके कहते हैं कि, लड़की भी वही तारीख और समय भी वही,
बस लड़का कोई और था, मैंने अपनी बेटी कि सगाई कर दी है,
इतना कहकर जवाब सुने बिना फोन काट देते हैं।
संजना के कॉलेज कि छुट्टी चल रही थी वह जीतना पहले अपने दोस्तों से मिलती थी, अब उसने सब बंद कर दिया, अमीत से भी जब अमीत फोन करता तभी बात करती। एक हफ्ते गुजर गये और अचानक संजना  सहेलियों के दबाव में आकर अमीत ने अपने घर मे कॉलेज दोस्तों को पार्टी दी थी। अमीत का फेसबुक में एक अच्छा दोस्त था, नाम था राहुल शर्मा, उन्होंने एक दूसरे को सिर्फ फेसबुक मे देखा था हकीकत में नहीं, फेसबुक में इनकी अच्छी गहरी दोस्ती हो गयी थी।
वह दूसरे शहर का था, अमीत के घर से दूर। अमीत ने उसे भी बुलाया था,। वह आना तो नहीं चाहता मगर दोस्ती कि कसम देकर राहुल को भी बुलाया था। राहुल एक खूबसूरत लड़का उंची कद का, संजना कभी भी किसी के घर नहीं जाती, यंहा तक वह कभी अमीत के घर भी नहीं गयी थी। फिर वह पार्टी में कैसे जाती
हाँ ये अलग बात है कि अमीत और उसकी सहेलियों ने उसे जबरदस्ती बहुत कि थी।
सभी कॉलेज दोस्तों के साथ अमीत भी बैठा था, शाम हो गयी थी। फिर वह राहुल से सभी का परिचय कराता है, और उनके बीच कैसे दोस्ती हुई वही अमीत सबको बता रहा था।
संजना कि एक सहेली कि आदत थी कि वह हमेशा अपने दोस्तों के बीच कुछ अच्छी बात शुरू हो जाये तो मोबाइल से विडियो कर लेती थी।
लोग बोर न हो जाये अमीत ने ये सोचकर सबको अपने अपने पसंद का एक एक गाना गाने को कह दिया,
संजना कि एक सहेली गाने वाले या गाने वाली जिसकी बारी आती उसी कि विडियो मोबाइल पर बनाने लगी,
फिर जब उसकी बारी है तो वह मोबाइल को अपने हैन्डबैग मे रख ली मगर विडियो बंद करना एक दम भूल गयी थी।
फिर उसके बाद राहुल कि बारी आई, मगर राहुल कहने लगा कि गाता तो मैं बहुत हूँ मगर आज गा नहीं पाउंगा,
सभी वजह पूछते है, कि तभी अमीत कि माँ अमीत को बुलाकर बाजार भेज देती है,
इधर सभी राहुल से गाना न गाने कि वजह पूछते हैं तो कहता है, यदी हम देश के अच्छे नागरिक हैं तो हमें अभी खुशियाँ नहीं मनानी चाहिए, शायद आप सबको बुरा लगेगा मगर आप सबको शायद पता है कि नहीं, इस वक्त भारत और चाईना के सिपाही युद्ध के लिए आमने सामने है,
कभी भी युद्ध का बिगुल बज सकता है। हम यंहा जश्न मना रहे है और हमारे देश के सपूत हमारी जान और देश कि रक्षा कर रहे है खुद कि जान को दांव पर लगाकर।
एक लड़का- बात तो सही है आपकी राहुल जी,
एक सवाल पूछू आपसे?
राहुल- जरूर,
लड़का- आप भी फौजी हो क्या,
राहुल- सभी फौजी ही कहते है क्योंकि मेरा शरीर और मेरा हेयर स्टाइल फौजियों जैसा है,
गया था फौज में भर्ती होने मगर मैं मेडीकल पास न कर सका इस बात का बहुत दुःख है, मगर खुशी इस बात कि है, सेना भर्ती के दौरान एक देशभक्त पागल से जरूर  दोस्ती हो गयी, और उस जैसा दोस्त और कोई नहीं,
लड़का- वह इस वक्त कहां पर है?
राहुल कुछ देर सर झुकाये खामोश बैठा रहा फिर जैसे ही सर उठाया सबको उसकी पलकों में नमी नजर आई।
राहुल ने भरे गले से कहा, वह इस समय दोकलाम में तैनात है, जंहा चाईना और हमारे देश के सिपाही आमने सामने हैं।
सभी लोग बड़े ध्यान से राहुल कि बातें सुन रहे थे।
संजना के सहेली को पता ही नहीं है कि उसकी हैंडबैक में उसका मोबाइल राहुल कि आवाज़ को रिकॉर्ड कर रही है।
क्योंकि विडियो चलाते वक्त जब उसके गाने कि बारी आई तो उसने जल्दबाजी में मोबाइल का विडियो आॅफ किये बिना ही रख दी थी।
फिर राहुल अपने सैनिक दोस्त और उसके पागलपन के बारे में एक एक करके कहानी बताने लगता है।
सभी कि आँखे नम थी एक पागल सैनिक कि
अद्भुत कहानी सुनकर, संजना के सभी सहेलियां एक दूसरे का मुँह ताकती हैं, मगर उस वक्त तक अमीत आया नहीं था,
फिर अमीत आता है और सभी लोग इजाजत लेकर अपने अपने घर चले जाते है सिवाय राहुल के।
रात को घर पहुँचकर संजना कि वह सहेली जिसने सबका विडियो रिर्काडींग कि थी वह अपना मोबाइल निकाल के अपने दोस्तों का विडियो देख देखकर अकेली ही हंस रही थी कि, अचानक विडियो तो नहीं आता मगर खुद कि आवाज़ मोबाइल मे सुनकर हैरान रह जाती है, फिर उसके तुरंत बाद राहुल कि आवाज़ आती है,
संजना कि सहेली हैरान होकर सोचने लगती है, ये कैसे हो गया फिर उसे याद आता है कि,
जब उसके गाने कि बारी आई थी तो उसने मोबाइल का वीडियो आॅफ किये बिना ही बैग में रख दिया था, भले विडियो नहीं बना मगर अवाज की रिर्काडींग हो चुकी थी, फिर दोबारा उसने राहुल की वह सारी बातें सुनी जो उसने उस पागल फौजी कि कहानी बताई थी,।
संजना कि सहेली बहुत हद तक समझ गयी कि, हो न हो वह पागल फौजी संजना ......
आगे

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